कैसे मिलेगी भारत को UNSC में स्थाई सदस्यता ? UNO का गठन क्यों हुआ था ? जानें पूरी खबर हिंदी में
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कैसे मिलेगी भारत को UNSC में स्थाई सदस्यता ? UNO का गठन क्यों हुआ था ? जानें पूरी खबर हिंदी में

कैसे मिलेगी भारत को UNSC में स्थाई सदस्यता ? UNO का गठन क्यों हुआ था ? जानें पूरी खबर हिंदी में

नमस्कार दोस्तों ,स्वागत है आपका वेबसाइट इंडिया टुडे लाइव पर आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि भारत को कैसे UNSC में स्थाई सदस्यता मिलेगी तथा स्थाई सदस्यता मिलने के बाद भारत को इससे क्या फायदा होगा ? आज के आर्टिकल में इन सब चीजों को जानेंगे। कृपया इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें।

भारत एक ऐसा देश जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है तथा यहां विश्व की कुल आबादी का 18 % आबादी निवास करती है, और हाल ही में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन कर उभरी है। एक ऐसा देश जो संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापक देशों में से एक रहा। उसे अभी तक UNSC में स्थाई सदस्यता क्यों नहीं मिली है।                                               UNSC की जानकारी हिंदी 

क्या कारण है कि भारत अभी तक एक स्थाई UNSC का स्थाई सदस्य है नहीं हैं। क्या UNO के चार्टर में सुधार की आवश्यकता है ?UNSC को और प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है ?कुछ इसी प्रश्नके उठते हैं जिनका समाधान अब आवश्यक हो गया है। 

  • क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ?
  • UNO में सुधार की आवश्यकता क्यों है और बाधाएं क्या क्या  हैं ?
  • UNSC में भारत की स्थाई दावेदारी कितना जायज है ?
  • भारत को इससे क्या लाभ होगा ?
  • भारत कैसे UNSC का स्थाई सदस्य बन सकता है ?

UNSC का गठन

द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद सन 1945 में UNO का गठन किया गया था। जिसका एक शाखा UNSC भी इसमें UNO में ही शामिल है। UNSC कुल सदस्य संख्या 15 होती है जिसमें 5  सदस्य स्थाई होते हैं तथा 10 सदस्य अस्थाई होते हैं। जिसमें की अस्थाई सदस्यों की कार्य विधि 2 वर्षों की होती है। UNSC का अध्यक्ष एक महीना के लिए होता है। UNSC का प्रमुख कार्य अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देना है। 

UNSC में सुधार की आवश्यकता क्यों और बाधाएं क्या है ?

UNO की स्थापना के समय UNO में सदस्य देशों की संख्या लगभग 100 थी, द्वितीय विश्व युद्ध के विजयी देशो ने अपने पक्ष में चार्टर के नियम बनाएं। जिसमें प्रमुख है वीटो पावर जिसका मतलब होता है मैं अनुमति नहीं देता। यूरोपीय देशों की हिस्सेदारी सर्वाधिक है, जबकि विश्व की जनसंख्या का सिर्फ 5 % आबादी यूरोप महाद्वीप में निवास करती है। 
 UNSC की जानकारी हिंदी 
अफ्रीका महाद्वीप की बड़ी आबादी होने के बावजूद स्थाई सदस्य में एक भी प्रतिनिधि नहीं  है जो UNO  में जो UNSC  में असंतुलन को दिखाता है। UNSC के विस्तार में अनेक बाधाएं हैं जिसमें प्रमुख P5 (RUSSIA,CHAINA,AMERICA,BRATAIN,FRANCE ) देशों के अपने वीटो पावर का अपने पक्ष में अनैतिक रूप से प्रयोग करना तथा आज UNO  में सदस्य देशों की संख्या 193 हो गई है।  वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भारत की दावेदारी UNSC में सबसे प्रबल जान पड़ती है।P5 बड़े  बदलाव के विरोधी हैं  जो की G4 देशों की दावेदारी को मान्यता नहीं देता है।

भारत की दावेदारी

UNO की स्थापना के समय भारत प्रमुख भूमिका निभाया। विश्व में कहीं भी शांति अभियान या सुरक्षा की आवमुलता हो तो भारतीय सेना के द्वारा अधिक कारगर रूप से भाग लेना तथा दुनिया के किसी भी शांति अभियान में भाग लेना भाग लेना हो तो भारत सबसे ज्यादा अपने सैनिक की तैनाती करता है। तथा UNO में भारत विश्व के सर्वाधिक दवाई का निर्यातक में भी अग्रणी है।
भारत अभी तक सबसे अधिक 8 बार अस्थाई सदस्य बन चुका है, अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्षों का होता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तथा हाल ही में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी  और यहाँ सांस्कृतिक  विरासत यहां पाई जाती है। अतः भारत P5 देशों में शामिल होने में सबसे बड़ा तथा सबसे प्रमुख दावेदार है।

भारत को इससे लाभ  

  • वीटो पावर का अधिकार मिलेगा
  • अपनी बात करने में सक्षम होगा
  • प्रतिबंध लगाने तथा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय,के फैसले को लागू करने में
  • स्थाई सदस्य से विश्व में भारत का पद बढ़ेगा तथा द्विपक्षीय वार्ता में एक नया अवसर प्रदान करेगा

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